हरी मिर्च खाने के नुकसान और फायदे जाने
Benefit & of Eating Green Chilli
भारत में 8 प्रकार की मिर्च होती है : कश्मीरी मिर्च, गुंटूर मिर्च, बर्डस ऑफ चिल्ली, नागा मिर्च, मुंडा मिर्च, ज्वाला मिर्च,कंथानी मिर्च, ब्यादगी मिर्च। खाने में ज्वाला मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है जो लगभग भारत के कई राज्यों के साथ-साथ मुख्यतः गुजरात में होती है। हरी मिर्च का इस्तेमाल वैसे तो खाने में स्वाद को बढ़ने के लिए किया जाता है, किन्तु इसके कई औषोधि गुण भी हैं। हरी मिर्च में बहुत सारे पोषक तत्व जैसे : विटामिन ए, विटामिन बी 6, विटामिन सी, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन, और कार्बोहइड्रेट से भरपूर है।
हरी मिर्च के फायदे
1. हरी मिर्च में विटामिन सी होता है, जो शरीर में दूसरे विटामिन को शरीर में अच्छे से अवशोषित होने में मदद करता है।
2. हरी मिर्च एंटी-ऑक्सीडेन्ट का एक अच्छा स्रोत है इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जिसे हमारी पाचन क्रिया को ताकत मिलती है।
3. हरी मिर्च में विटामिन ए है जो आँखों और त्वचा के लिए फायदे मंद है।
4. हरी मिर्च ब्लड शुगर को कम करती है ऐसा कुछ शोधों से पता चला है।
5. आज के प्रदूषण भरे माहौल में फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना है हरी मिर्च फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम करने के लिए मुख्य भूमिका निभाती है।
6. हरी मिर्च रक्तचाप को नियंत्रण करती है, अपने एंटी-बैक्टीरियल गुण के कारण यह संक्रमण को दूर रखती है, इसे रोज खाने से शरीर में आयरन की पूर्ति होती है, हरी मिर्च खाने को शीघ्र पचाने में सहायक है।
7. हरी मिर्च को मूड-बूस्टर का भी नाम दिया गया है, इसके सेवन से दिमाग में एंडोर्फिन का संचार होता है और एंडोर्फिन मूड को खुशनुमा रहने में मदद करता है।
8. दो साबुत पूरी हरी मिर्च को रात भर के लिए एक गिलास पानी में रख कर छोड़े और सुबह खाली पेट उस पानी को बैठ कर घूट भर-भर के पियें। इससे 25-30 दिनों में शुगर कण्ट्रोल में आने लगेगी।
2. हरी मिर्च एंटी-ऑक्सीडेन्ट का एक अच्छा स्रोत है इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जिसे हमारी पाचन क्रिया को ताकत मिलती है।
3. हरी मिर्च में विटामिन ए है जो आँखों और त्वचा के लिए फायदे मंद है।
4. हरी मिर्च ब्लड शुगर को कम करती है ऐसा कुछ शोधों से पता चला है।
5. आज के प्रदूषण भरे माहौल में फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना है हरी मिर्च फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम करने के लिए मुख्य भूमिका निभाती है।
6. हरी मिर्च रक्तचाप को नियंत्रण करती है, अपने एंटी-बैक्टीरियल गुण के कारण यह संक्रमण को दूर रखती है, इसे रोज खाने से शरीर में आयरन की पूर्ति होती है, हरी मिर्च खाने को शीघ्र पचाने में सहायक है।
7. हरी मिर्च को मूड-बूस्टर का भी नाम दिया गया है, इसके सेवन से दिमाग में एंडोर्फिन का संचार होता है और एंडोर्फिन मूड को खुशनुमा रहने में मदद करता है।
8. दो साबुत पूरी हरी मिर्च को रात भर के लिए एक गिलास पानी में रख कर छोड़े और सुबह खाली पेट उस पानी को बैठ कर घूट भर-भर के पियें। इससे 25-30 दिनों में शुगर कण्ट्रोल में आने लगेगी।
हरीलाल मिर्च के नुकसान
हरी मिर्च को सिमित मात्रा में खाने से बेमिसाल फायदे होते हैं। लेकिन ज्यादा खाने से कानों से धुआँ निकल जाता है और साथ ही नुकसान भी होता है।
1. हरी मिर्च में फेप्सिसिन होता है जो पेट में जाकर गर्मी बढ़ता है जिससे स्वास्थ समस्याएं बढ़ती है।
2. बवासीर के रोग में लाल मिर्च का सेवन मना होता है।
3. किडनी के रोगियों को मिर्च का सेवन न के बराबर करने की सलहा दी जाती है।
4. मिर्च ह्रदय घात और पेट जलन के रोग में भी मना होती है।
5. लाल मिर्च ब्लडप्रेशर को बढ़ाती है इसलिए हरी मिर्च के सेवन की सलाह दी जाती है।
6. गर्भवती स्त्रियों को भी लाल मिर्च का सेवन कम करने को कहा जाता है।
1. हरी मिर्च में फेप्सिसिन होता है जो पेट में जाकर गर्मी बढ़ता है जिससे स्वास्थ समस्याएं बढ़ती है।
2. बवासीर के रोग में लाल मिर्च का सेवन मना होता है।
3. किडनी के रोगियों को मिर्च का सेवन न के बराबर करने की सलहा दी जाती है।
4. मिर्च ह्रदय घात और पेट जलन के रोग में भी मना होती है।
5. लाल मिर्च ब्लडप्रेशर को बढ़ाती है इसलिए हरी मिर्च के सेवन की सलाह दी जाती है।
6. गर्भवती स्त्रियों को भी लाल मिर्च का सेवन कम करने को कहा जाता है।
7. कई बार मिर्च पाउडर या मिर्च पीसते-काटते समय त्वचा पर लग जाती है जिससे उस हिस्से में जलन होने लगती है, उस जलन को शांत करने के लिए उस पर देशी घी लगाएं तुरंत आराम मिलेगा।
8. एक साबुत हरी मिर्च को देही ज़माने वाले दूध में डालने से देही अच्छा जमता है।
8. एक साबुत हरी मिर्च को देही ज़माने वाले दूध में डालने से देही अच्छा जमता है।
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