हार्टअटैक, दमा सहित 50 बीमरियों को खत्म करता है पेठा….बस खाने का सही तरीका पता होना चाहिए।

★हार्टअटैक, दमा सहित 50 बीमरियों को खत्म करता है पेठा….बस खाने का सही तरीका पता होना चाहिए।★


◆Benefits of Petha◆
भारत की देसी मिठाई ' पेठा 'नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है,  लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेठा केवल स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि हेल्थ भी बनाता है।
◆पेठा के प्रकार–Types of Petha◆
पेठा को कई प्रकार से बनाया जाता है जैसे सूखा पेठा, रस में डूबा अंगूरी पेठा और नारियल डला हुआ नारियल पेठा। लेकिन सबसे ज़्यादातर सूखा पेठा ही खाने में पसंद किया जाता है।
◆पेठा के आयुर्वेदिक गुण–
Petha ayurvedic benefit-◆
आयुर्वेद में पेठे को शरीर के लिये बहुत ही उपयोगी माना गया है। पेठे में औषधीय गुण भी होते हैं। पेठा पुष्टिकारक, बल देने वाला व रक्त के विकार को दूर करता है। साथ ही पेट को साफ करता है। इसमे प्रोटीन भी बहुत मात्रा में होती है।
100 ग्राम पेठे में 34 ग्राम प्रोटीन अतः पेठा परिपूर्ण है खनिज पदार्थों, विटामिनों और प्रोटीन से, ज्यादातर फलों और सब्जियों में प्रोटीन नहीं होता है। पेठा खाने के अनेकों फायदे हैं, तो आइये जानते हैं।
■ पेठा साइनस की समस्या कर दूर करता है।

■ पेठे के सेवन से मस्तिष्क की दुर्बलता, याददाश्त की कमी और मानसिक विकार दूर होते हैं।

■ अस्थमा या दमा की बीमारी है तो रोजाना पेठा खाइये क्‍योंकि इससे फेफड़ों को बहुत लाभ मिलता है।

■ हृदय रोगियों के लिए तो यह रामबाण है। पेठे का जूस पीने से अवरुध्द धमनियां भी खुल जाती हैं और आप बाइपास व एन्जीयोप्लास्टी से भी बच सकते हैं।

■ पेठे का जूस पीने से अग्नाशय ठीक से काम करता है।

■  मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण औषधि है। शरीर में कहीं भी जलन हो पेट में, आंतों में, छाती में, पेशाब में, हाथ पैरों में, सिर में पेठे का जूस सभी जलन शांत करता है।

■ इसी प्रकार त्वचा के रोगों में जैसे फोड़े फुन्सियों, मुहांसों में पेठे का जूस पीना अति उत्तम है।

■ यह 100 प्रतिशत क्षारीय है।

■ रक्त के लिए श्रेष्ठ है, क्योंकि हमारा रक्त 80 प्रतिशत क्षारीय है इसके विपरीत हमारा भोजन पूर्णतया अम्लीय है। केवल फल और कच्ची सब्जियां ही क्षारीय होते हैं और उनमें भी जब नमक मिला देते हैं तो क्षारीय कम हो जाता है। अपनी क्षारीयता के कारण सी पेठे का जूस अति उत्तम है। असंख्य रोगों का कारण भोजन की अम्लता होती है। भोजन जितना अम्लीय होगा, उतने ही रोग होंगे और जितना क्षारीय होगा उतने ही हम स्वस्थ रहेंगे। रक्त में अम्लता की मात्रा केवल 20 प्रतिशत ही होनी चाहिए।

■ शरीर में किसी भी अंग में रक्तस्राव हो रहा हो जैसे नाक से नक्सीर, दांतों में खून, खूनी बवासीर, उल्टी में खून, गले से कफ में खून, अल्सर से खून आना।ऐसी स्थिति में पेठे का जूस रामबाण है। ये सभी रोग पित्त व शरीर में गर्मी बढ़ जाने से होते हैं।

■ पित्त रोगों में पेठे का जूस रामबाण है। उच्च रक्तचाप, हृदय की गति बढ़ जाना- यह रोग भी बढ़ी हुई गर्मी से होते हैं और पेठे का जूस पीने से ठीक होते हैं।

■ उच्च रक्तचाप को तो यह जड़ से समाप्त करता है। हृदय की पीड़ा तुरन्त ठीक होती है। 


■ पेठे के रस में वे सभी गुण हैं, जो लौकी के रस में हैं। मूत्र रोगों में, मूत्र प्रदाह, पथरी पित्त की थैली की पथरी, गुर्दे की पथरी, मूत्राशय की पथरी सभी में इसका जूस लाभदायक है। पथरी पिघल कर निकल जाती है। यदि किसी अंग से रक्त बह रहा हो तो पेठे के रस में आंवला अथवा नींबू का रस मिलाकर पी सकते हैं। पाचन संस्थान के लिए तो यह अति उत्तम है। 

■ यकृत आमाशय, अग्नाश्य, छोटी आंत, बड़ी आंत, तिल्ली, पित्ताशय की सभी के रोग दूर से जाते हैं।

■ फेटी लीवर बढ़ा हुआ लीवर, पीलिया भी ठीक होता है, कब्ज भी दूर होती है भोजन नली की सृजन, जलन, हृदय की जलन दूर होती है।

■ इससे मोटापा भी बहुत जब्दी कम होता है, शरीर सुडौल बनता है।

■ फास्फोरस व कैल्शियम की प्रचुरता से हड्डियां एवं दांत मजबूत होते हैं। अस्थि क्षीणता दूर होती है।

■ दमे के रोगी को लिए भी पेठे का जूस लाभदायक है, दमा बिल्कुल समाप्त हो जाता है। विटामिन बी की प्रचुरता से भरपूर लाभ होती है।

■ रक्त की गुणवत्ता बढ़ती है।

■ वीर्य गाढ़ा होता है। कमजोरी दूर होती है और शरीर-बलिष्ठ बनता है।

■ महिलाओं में मासिक स्राव अधिक हो तो पेठे का जूस पीएं (परन्तु माहवारी में नहीं) इससे श्वेत प्रदर भी ठीक होता है।


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