Swine flu se kaise bache – स्वाइन फ्लू से रहें सावधान
स्वाइन फ्लू वायरस से फैलने वाली अत्यंत संक्रामक बिमारी है।
# रोग का प्रसारण -
इस रोग से ग्रसित जब कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो कफ की छोटी-छोटी बुँदे हवा में फैल जाती हैं| जब अन्य व्यक्ति इन कफ की बूंदो के सम्पर्क में आता है तो वह स्वाइन फ्लू के वायरस से संक्रमित हो जाता है।
# स्वाइन फ्लू के लक्षण -
इसके लक्षण सामान्य सर्दी जुकाम से मिलते जुलते हैं किन्तु गंभीर किस्म के होते हैं, जैसे:- तेज बुखार, लगातार नाक बहना, अत्यधिक थकान, गले में खराश, तेज सिरदर्द, छींकें आना।
# बचने के उपाय -
1. खांसते-छींकते समय मुँह व नाक को रुमाल से ढँके।
2. जुकाम, खांसी, फ्लू से पीड़ित लोगों से थोड़ी दूरी बनाकर रखें।
3. घर व आस पास साफ सफाई रखें।
4. भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें।
5. खूब पानी पियें व पर्याप्त आराम करें ।
6. (क) आयुर्वेद के घरेलु उपाय - जुकाम, खांसी, सर्दी होने पर, तुलसी, काली मिर्च, लोंग व
अदरक की चाय पियें ।
(ख) गर्म दूध में चुटकी भर हल्दी पाउडर डालकर पियें।
(ग) गिलोय, अदरक, तुलसी के थोड़े से रस में शहद मिलाकर दिन में दो-तीन बार चाटें ।
2. जुकाम, खांसी, फ्लू से पीड़ित लोगों से थोड़ी दूरी बनाकर रखें।
3. घर व आस पास साफ सफाई रखें।
4. भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें।
5. खूब पानी पियें व पर्याप्त आराम करें ।
6. (क) आयुर्वेद के घरेलु उपाय - जुकाम, खांसी, सर्दी होने पर, तुलसी, काली मिर्च, लोंग व
अदरक की चाय पियें ।
(ख) गर्म दूध में चुटकी भर हल्दी पाउडर डालकर पियें।
(ग) गिलोय, अदरक, तुलसी के थोड़े से रस में शहद मिलाकर दिन में दो-तीन बार चाटें ।
काढ़ा -
गोजिव्हादि क्वाथ या गिलोय, तुलसी पत्र, काली मिर्च, अदरक, अडूसा, मुलहटी का काढ़ा सर्दी, जुकाम, फ्लू में अत्यंत लाभदायक हैं साथ ही सितोपलादि चूर्ण, त्रिकुट चूर्ण आदि भी बहुत फायदेमंद हैं।
यदि सर्दी जुकाम के लक्षण गंभीर किस्म के हों तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में सम्पर्क करें।
ऐसे लक्षण हो तो आलस्य ना करें। यह स्वाइन हो सकता है|
ऐसे लक्षण हो तो आलस्य ना करें। यह स्वाइन हो सकता है|
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