अनुलोम विलोम प्रणायाम

अनुलोम विलोम प्राणायाम- 

Anulom Vilom Pranayam


अनुलोम विलोम प्राणायाम क्या है और कैसे करते है?

What is Anulom Vilom Pranayam ? and what is process?


अनुलोम का अर्थ है "सीधा" और विलोम का अर्थ है "उल्टा"। यहां पर सीधा का अर्थ है नासिका या नाक का दाहिना छिद्र और उल्टा का अर्थ है-नाक का बायां छिद्र। अर्थात अनुलोम-विलोम प्राणायाम में नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचते हैं, तो बायीं नाक के छिद्र से सांस बाहर निकालते है। इसी तरह यदि नाक के बाएं छिद्र से सांस खींचते है, तो नाक के दाहिने छिद्र से सांस को बाहर निकालते है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम को कुछ योगीगण 'नाड़ी शोधक प्राणायाम' भी कहते है। उनके अनुसार इसके नियमित अभ्यास से शरीर की समस्त नाड़ियों का शोधन होता है यानी वे स्वच्छ व निरोग बनी रहती है। इस प्राणायाम के अभ्यासी को वृद्धावस्था में भी गठिया, जोड़ों का दर्द व सूजन आदि शिकायतें नहीं होतीं।
- अपनी सुविधानुसार पद्मासन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन अथवा सुखासन में बैठ जाएं। दाहिने हाथ के अंगूठे से नासिका के दाएं छिद्र को बंद कर लें और नासिका के बाएं छिद्र से 4 तक की गिनती में सांस को भरे और फिर बायीं नासिका को अंगूठे के बगल वाली दो अंगुलियों से बंद कर दें।  तत्पश्चात दाहिनी नासिका से अंगूठे को हटा दें और दायीं नासिका से सांस को बाहर निकालें।
अब दायीं नासिका से ही सांस को 4 की गिनती तक भरे और दायीं नाक को बंद करके बायीं नासिका खोलकर सांस को 8 की गिनती में बाहर निकालें।
अनुलोम विलोम प्राणायाम को 5 से 15 मिनट तक कर सकते है।

अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे
Anulom Vilom Pranayama Benefits
चूंकि यह प्राणायाम श्वास क्रिया से जुड़ा होता है इसलिए यह शरीर में जमा हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने, फेफड़े को स्वस्थ रखने सहित शरीर की तमाम बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। आइये जानते हैं कि अनुलोम विलोम करने से स्वास्थ्य को क्या-क्या फायदे होते हैं।
अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे शारीरिक दोषों को दूर करने में
Anulom Vilom Pranayam Benefits for Body
प्रतिदिन अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से वात, पित्त और कफ जैसे शारीरिक दोष दूर होते हैं। चूंकि यह श्वसन से जुड़ा हुआ प्राणायाम है इसलिए इन दोनों को दूर करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद
Anulom Vilom Pranayam Benefits for Diabetes in Hindi
पूरे समर्पण से नियमित रूप से अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है जिसके कारण ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती है। इसके अलावा यह प्राणायाम मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसका अभ्यास करने से शरीर में इंसुलिन का स्तर नहीं घटता है।
अर्थराइटिस के इलाज में कारगर अनुलोम विलोम प्राणायाम
Anulom Vilom Pranayam Benefits for Arthritis in Hindi
मांसपेशी प्रणाली से जुड़े रोगों के लक्षणों को कम करने में अनुलोम विलोम बहुत फायदेमंद होता है। यह प्राणायाम गठिया , पेट फूलना, नसों में ऐंठन, एसिडिटी और साइनसिटिस की समस्या को दूर करने में सहायक होता है। यही कारण है कि 40 साल की उम्र के बाद लोगों को अनुलोम विलोम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेना चाहिए।
अनुलोम विलोम के फायदे माइग्रेन के लिए
Benefits of anulom vilom pranayam for migraine in hindi
यह प्राणायाम करने से व्यक्ति के मन में सकारात्मक विचार विचार आते हैं। अनुलोम विलोम का प्रतिदिन अभ्यास करने से गुस्सा, चिड़चिड़ापन, तनाव, भूलने की आदत, बेचैनी, उच्च रक्तचाप , अनिद्रा और माइग्रेन जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
एकाग्रता बढ़ाने में अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे
Anulom Vilom Pranayam Benefits for Concentration in Hindi
माना जाता है कि नियमित रूप से अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से एकाग्रता बढ़ती है। पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह प्राणायाम बहुत फायदेमंद होता है। यह एकाग्रता को बढ़ाने के साथ ही निर्णय लेने की क्षमता और रचनात्मकता  को भी बढ़ाता है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे मन शांत रखने में
Anulom Vilom Benefits for calm in Hindi
अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ती है और इससे व्यक्ति का शरीर और मस्तिष्क दोनों शांत रहता है। इसके अलावा ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से तनाव एवं बुखार दूर करने एवं आंखों  और कान के उत्तकों में परेशानी को दूर करने में भी यह प्राणायाम बहुत सहायक होता है।
अनुलोम विलोम के चमत्कार मोटापे की समस्या में
Anulom Vilom Yoga Benefits for Obesity in Hindi
अनुलोम विलोम हृदय की ब्लॉक धमनियों  को खोलने और शरीर का मेटाबोलिज्म बढ़ाने में बहुत मदद करता है। प्रतिदिन सुबह खाली पेट शांत मन से अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से मोटापे की समस्या नियंत्रित हो जाती है।
अनुलोम विलोम योग के लाभ कब्ज के इलाज में
Anulom Vilom Yoga Benefits for Constipation in Hindi
यह एक ऐसा प्राणायाम है जिसका रोजाना अभ्यास करने से कब्ज, पेट में गैस बनने, एसिडिटी और एलर्जिक रिएक्शन की समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके अलावा खर्राटे लेने की समस्या और अस्थमा जैसे रोगों के इलाज में भी यह प्राणायाम बहुत फायदेमंद होता है।

  • फेफड़े शक्तिशाली होते है।
  • सर्दी, जुकाम व दमा की शिकायतों से काफी हद तक बचाव होता है।
  • हृदय बलवान होता है।
  • कमजोर और एनीमिया से पीड़ित रोगी इस प्राणायाम के दौरान सांस भरने और सांस निकालने (रेचक) की गिनती को क्रमश: चार-चार ही रखें। अर्थात चार गिनती में सांस का भरना तो चार गिनती में ही सांस को बाहर निकालना है।
स्वस्थ रोगी धीरे-धीरे यथाशक्ति पूरक-रेचक की संख्या बढ़ा सकते है।
कुछ लोग समयाभाव के कारण सांस भरने और सांस निकालने का अनुपात 1:2 नहीं रखते। वे बहुत तेजी से और जल्दी-जल्दी सांस भरते और निकालते है। इससे वातावरण में व्याप्त धूल, धुआं, जीवाणु और वायरस, सांस नली में पहुंचकर अनेक प्रकार के संक्रमण को पैदा कर सकते है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम करते समय यदि नासिका के सामने आटे जैसी महीन वस्तु रख दी जाए, तो पूरक व रेचक करते समय वह न अंदर जाए और न अपने स्थान से उड़े। अर्थात सांस की गति इतनी सहज होनी चाहिए कि इस प्राणायाम को करते समय स्वयं को भी आवाज न सुनायी पड़े।
यह प्राणायाम अत्यन्त लाभ दायक प्राणायाम में से एक है।

अनुलोम विलोम प्राणायाम करते समय बरतें सावधानियां 
Precautions of Anulom Vilom Pranayama in Hindi
यदि आप ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो आपको अनुलोम विलोम का अभ्यास करते समय लंबा और गहरा सांस खींचने और छोड़ने का अभ्यास नहीं करना चाहिए अन्यथा आपके हृदय की समस्या अधिक बढ़ सकती है।
यदि कोई महिला मासिक धर्म चक्र से गुजर रही हो या वह प्रेगनेंट हो तो इस स्थिति में उसे अनुलोम विलोम का अभ्यास करने से परहेज करना चाहिए।
अनुलोम विलोम का अभ्यास करते समय बाहरी दुनिया की चीजों के बारे में न सोचें और पूरे एकाग्रता से सांसों पर ध्यान केंद्रित करें। श्वसन पर ध्यान देने से अपने आप एकाग्रता बढ़ेगी। इस बात का विशेषरूप से ध्यान रखें।

यदि आपने पेट, हृदय और मस्तिष्क की सर्जरी करा रखी है तो अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास न करें या फिर चिकित्सक से सलाह लेकर करें।

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